धरती पहले एक आग का गोला थी जो समय के साथ-साथ ठंडी होती चली गई और कई जीव-जंतु पेड़-पौधे के कारण पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया ।
लेकिन क्या आपको है कि आज हम धरती को जिस रूप में देखते हैं वे कई करोड़ों साल पहले ऐसी नहीं थी आज हम जिस देश को अलग-अलग भागों में देखते हैं दरअसल यह एक ही भाग एक जमीन का टुकड़ा था जिसको वैज्ञानिकों ने महाखंड या Pangaea का नाम दिया ।
आज जिन देशो को अलग अलग नाम से जानते है जैसे उत्तरी अमेरिका दक्षिणी अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया और एशिया इन सभी देशों में से एक हमारा भारत देश भी है ।
लेकिन क्या आपको पता है की हमारा भारत कैसे अस्तित्व में आया ये सभी देश कई करोड़ो साल पहले एक ही भूखंड था । जो आज के सात महाद्वीप के क्षेत्र फल के बराबर था ।
उस समय ये सभी देश नही थे केवल एक ही ज़मीन का टुकड़ा था ।
लेकिन समय के साथ - साथ ये अलग होते गए वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के नीचे megma और ज्वालामुखीकी होने वाली क्रियाओ होने के कारण ये महाखंड दो भागो में विभाजित हो गए ।
जो Pangaea का एक भाग उत्तर की ओर चला गया जिसका नाम लोरसिया (lorsiya) और दूसरा भाग दक्षिण की ओर चला गया जिसका नाम गोंडवाना ( gondwana )रखा गया धीरे - धीरे megma और ज्वालामुखी की क्रियाओं की वजह से धरती की प्लेट खिसकने लगी जिसके कारण गोंडवाना से ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका,दक्षिण अमेरिका ,अंटार्टिका और यहाँ तक कि हमारा भारत देश भी गोंडवाना से ही टूटकर अलग हुए है ।
वही laursia से अलग हुए देश जैसे उत्तरी अमेरिका, यूरोप, और एशिया में बट गया ।
आज से लगभग 18 करोड़ साल पहले गोंडवाना से अलग देश बने
आज करीब 9 साल पहलेअफ़्रीका से अलग हुआ एक जमीनी टुकड़ा जिसे आज भारत के रूप में जानते जिसमे पाकिस्तानी,बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और madagaskar देश शामिल है ।
भारत गोंडवाना से निकला था जो धीरे धीरे एशिया की ओर चला गया और लद्दाख वाले हिस्से से टकरा गया और इसी टकराने के कारण निचली परत ऊपर की ओर उठ गया जो आज हम पहाड़ो के रूप में देखते है जिसमे हिमालय ,माउंट एवरेस्ट जैसे पर्वत शामिल है और ये दिनों दिन बढ़ता चला जा रहा है ।
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